घर में इन छोटी बातों का रखें ध्यान, नहीं होगी धन की कमी, मिलेगा संपत्ति लाभ
वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार उत्तर दिशा को धन के देवता कुबेर की दिशा माना जाता है। जबकि घर के पूर्व-उत्तर कोने में अन्य देवी-देवताओं की शक्ति होती है। इन दो दिशाओं में अगर कोई दोष न हो तो घर में पैसा आता है। इसके साथ ही संपत्ति लाभ भी मिलता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा को धन के देवता कुबेर की दिशा माना जाता है। इस दिशा को साफ रखने से धन लाभ होता है। वहीं, घर के पूर्व-उत्तर कोने में अन्य देवी-देवताओं की शक्ति होती है। इसे ईशान कोण भी कहा जाता है। घर का ये हिस्सा सकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है। इन दो दिशाओं में अगर कोई दोष न हो तो घर में पैसा आता है। इसके साथ ही संपत्ति लाभ भी मिलता है।
जबकि घर की इन दोनों दिशाओं में वास्तु दोष होने से आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। घर के वास्तु दोष दूर होने से कुबेर और लक्ष्मी जी प्रसन्न होते हैं। जिससे समृद्धि बढ़ती है। आइए वास्तु शास्त्र के अनुसार जानते हैं कि घर में पैसा और संपत्ति बढ़ाने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- घर की उत्तर दिशा की दिवारों का रंग नीला होना चाहिए।
- पानी का स्थान उत्तर दिशा में होना चाहिए।
- पानी की टंकी में शंख, चांदी का सिक्का या चांदी का कछुआ रखें।
- सजावटी सामानों में एक्वेरियम को घर की उत्तर दिशा में रखना चाहिए।
- कुबेर की दिशा होने के कारण उत्तर में तिजोरी रखनी चाहिए।
- उत्तर दिशा में नीले रंग का पिरामिड रखने से संपत्ति लाभ होता है।
- उत्तर दिशा में कांच का बड़ा बाउल रखें और उसमें चांदी के सिक्के डालें। इससे धन लाभ मिलेगा।
- पूर्व-उत्तर कोने में गणेश और लक्ष्मीजी की मूर्ति रखकर पूजा करें।
- घर के पूर्व-उत्तर कोने में सफाई का विशेष ध्यान दें। बिल्कुल भी गंदगी न रखें।
- उत्तर दिशा में आंवले का पेड़ या तुलसी का पौधा लगाएं ।
पूजा
घर में न करें ऐसी गलतियां, सुख समृद्धि में आती है बाधाएं
घर में बने पूजा स्थल का विशेष महत्व होता है। यह घर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जहां से सबसे ज्यादा सकारात्मक ऊर्जा रहती है। रोजाना घर में बने पूजा स्थल पर भगवान की आराधना करने से सुख और शांति की प्राप्ति होती है। घर पर बने पूजा स्थल पर अलग-अलग देवी-देवताओं की मूर्तियां और तस्वीरें रखी हुई होती है। पूजा स्थल पर सही विधि से रोजाना पूजा करने पर भगवान का आशीर्वाद हमें प्राप्त होता है। लेकिन कई बार पूजा करते समय जाने-अनजानें ऐसी गलतियां कर बैठते है जिसका परिणाम नकारात्मक रूप से हमें मिलना शुरू हो जाता है। आइए जानते हैं कहीं आप भी पूजा के दौरान ऐसी गलतियां तो नहीं करते हैं।
- कई बार लोग अपने बेडरूम में ही भगवान का मंदिर बना लेते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार कभी भी शयनकक्ष में पूजा स्थल नहीं होना चाहिए। यहां पर पूजा स्थल होने से परिवार के सदस्यों के बीच मनमुटाव होने लगता है।
- आज के दौर में लोग अपने घरों में बड़ेृ-बड़े मंदिर बनवा लेते हैं। वास्तु शास्त्र और धर्म शास्त्रों के अनुसार घर पर जरूरत से ज्यादा बड़े मंदिर नहीं बनवाने चाहिए। खुले स्थानों पर ही मंदिर बनवाना उचित रहता है।
- वास्तु विज्ञान के अनुसार अगर आपने मकान में पूजा घर बनाकर उनमें देवी-देवताओं को बैठाया है तो यह प्रयास करना चाहिए इनकी पूजा नियमित रूप से पूजा हो। कभी भी घर में बने पूजा स्थल पर ताला लगाकर कई दिनों के लिए नहीं जाना चाहिए। ऐसे में अगर आप कई दिनों के लिए घर से बाहर रह रहे हो तो ऐसी व्यवस्था करें कि नियमित रूप से घर पर बने पूजा स्थल पर भगवान की पूजा होती रहें।
- पूजा घर में पुराने हो चुके फूल, माला, अगरबत्तियां जमा करके नहीं रखना चाहिए। इनसे नकारात्मक उर्जा का संचार होता है जो आपकी खुशियां और आय को कम करने का काम करते हैं।
- वास्तुशास्त्र के अनुसार पूजा घर कभी सीढ़ियों, शौचालय और स्नान गृह की दीवारों से सटा हुआ नहीं होना चाहिए।
- रसोई घर के साथ भी पूजा घर नहीं होना चाहिए इसकी वजह यह है कि रसोई घर में जूठन और डस्टबीन जैसी चीजें पवित्रता को नष्ट करते हैं।
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